पैली यनि त कबी नि ह्ववे कबी नि ह्ववे
अब ह्ववे त क्यांल ह्ववे क्यांल ह्ववे..
मन अपड़ा बस म नि राई, क्वी उपरी मन बसी ग्याई.. हो….ओ..
तन म क्यफ़णि सी क्यफ़णि झणि क्या जि हूंद
मन म कुतगली सी कुतगली सि झणि कु लगांद
कुछ ह्ववे गे मी थे, कुछ ह्ववे गे मी थे
ह्वाई क्याच…ह्वाई क्याच समझ म नि आई….
मन अपड़ा बस म नि राई.. ….हो. हो हो..
मन अपड़ा बस म नि राई
तेरी जिकुड़ी धक धक धक धकध्याट के कु कनि च……..
तेरी आंखि रक रक रक रकरयाट के कु कनि च
बैद बुला ज़रा, दारू दवे करा..
सदनी कु….सदनी कु रोग लगी ग्याई..
मन अपड़ा बस म नि राई….हो. हो हो..
मन अपड़ा बस म नि राई…
मन मा बनबनी का बनबनी का फूल खिलियां न…
सुपिन्या बन बनी का बन बनी का रंग म रंग्यां न..
सुपिन्यो का रंग म मायादार संग म..
धरती आ.. धरती आकाश रंगी ग्याई …
मन अपड़ा बस म नि राई.. हो हो….
पैली इन त कबी नि ह्ववे कबी नि ह्ववे
अब ह्ववे त क्याल ह्ववे क्याल ह्ववे
मन अपड़ा बस म नि राई, क्वी ऊपरी मन बसी ग्याई.. हो….ओ..