गांधी तेरे इस राम राज्य में,
गण और तंत्र की लड़ाई है,
अब शहीदों की ये दुहाई है,
क्यों देश को आजादी दिलाई है।
समाजवाद की दुहाई देकर,
हालत देश की क्या बनाई है,
चोर और उचक्कों की सगाई है,
जनता फिर भी भरमाई है।
आतंक की बदली छाई है,
चांद पर भी अमित चढ़ाई है,
आधी आबादी ने रेल दौड़ाई है,
कोख में उनकी जिंदगी दुखदाई है।
अब तो मोबाइल में करंसी आई है,
किस्मत बनी तो कुछ ने मिटाई है,
नोटबंदी से चली सुखद पुरवाई है,
सबको 26 जनवरी की बधाई है।
-अमित शुक्ला
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