उत्तराखंड स्थापना दिवस: आओ अब देश की एकजुटता के लिए कार्य करने का लें संकल्प: पौड़ी गढ़वाल सभा

09 नवंबर को उत्तराखंड स्थापना दिवस मनाया गया। देश भर में बसे उत्तराखंड के लोगों ने विभिन्न तरीकों से उत्तराखंड स्थापना दिवस मनाया गया। इसी के तहत पौड़ी गढ़वाल सभा पटियाला, पंजाब ने प्रधान बीरेंद्र पटवाल की अध्यक्षता में एक संकल्प समारोह आयोजित किया। इससे पहले सभी ने अर्बन एस्टेट फेस 2 के श्री राधेश्याम मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवद कथा में कथा वाचक स्वामी नंदिनी गिरी के श्रीमुख से कथा सुनी। पौड़ी गढ़वाल सभा की रामायण मंडली की ओर से स्वामी नंदिनी गिरी एवं उनके साथ आई टीम को शाल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

प्रधान बीरेंद्र पटवाल ने बताया कि जब वह मथुरा वृंदावन की यात्रा पर गए थे तो स्वामी नंदिनी गिरी जी ने गीता आश्रम वृंदावन में पौड़ी गढ़वाल सभा की रामायण मंडली के 25 सदस्यों की टीम का रहने और खाने की व्यवस्था अपने ही आश्रम में बहुत ही सुंदर ढंग से करवाई। दूसरे दिन बरसाना, नंदगांव, निजिवन, रमणरेती, कृष्ण जन्मस्थल भूमि आदि तीर्थ स्थलों का भ्रमण खुद साथ में जाकर करवाया। पौड़ी गढ़वाल सभा की रामायण मंडली को ऐसा महसूस हुआ कि जैसे अपनेे छोटे बच्चों की देखरेख एक मां ने की हो। रामायण मंडली ने इसके लिए स्वामी नंदिनी गिरी का आभार जताया। कार्यक्रम के दौरान पौड़ी गबढवाल सभा रामायण मंडली के अध्यक्ष सुल्तान सिंह राणा, विश्वेश्वर प्रसाद सुंडली, चंद्रमोहन ढौंडियाल, मनबर सिंह नेगी, घमंड सिंह चौहान, पितांबर दत्त, रमेश रतूड़ी एवं सभा के संरक्षण रमेश ध्यानी एवं पौड़ी गढ़वाल सभा के प्रधान बीरेंद्र पटवाल मौजूद रहे।
पौड़ी गढ़वाल सभा और सभा की रामायण मंडली ने मिलकर उत्तराखंड स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित बैठक में हिस्सा लिया। सभा के प्रधान बीरेंद्र पटवाल ने उत्तराखंड की स्थापना के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले शहीदों को नमन करते कहा कि आज उनकी वजह से उत्तराखंड राज्य अस्तित्व में आया और दिन प्रतिदिन राज्य तरक्की कर रहा है। रमेश ध्यानी ने कहा कि आज उत्तराखंड के लोग हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। चंद्रमोहन ढौंडियाल ने कहा कि हम अपनी कर्म भूमि पंजाब में सामाजिक कार्यों में भरपूर सहयोग कर रहे हैं, कुछ ऐसा ही हमें उत्तराखंड के उत्थान के लिए भी करना चाहिए। सुल्तान सिंह राणा ने कहा कि हमें उत्तराखंड राज्य बड़े संघर्ष के बाद मिल सका है, इसलिए इसकी कद्र करते हुए हमें यहां के विकास कामों में सहयोगी बनकर आगे आना चाहिए। विश्वेश्वर प्रसाद सुंडली ने कहा कि सभी उत्तराखंडी संस्थाओं को एकजुट होकर एक ही स्थान पर इस दिवस मनाने की जरुरत है। मनवर सिंह नेगी ने कहा कि अपनी संस्कृति के प्रचार-प्रसार में हर भरसक सहयोग करेंगे। इस मौके पर सभी ने देश की एकजुटता के लिए समाज को जागरूक करने का संकल्प लिया।

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