uttarakhand news

लुधियाना: संस्थाओं की मांग, उत्तराखंड की प्रतिनिधि भाषा को संवैधानिक दर्जा मिले

लुधियाना। उतराखण्ड से जुड़ीं संस्थाओं की बैठक संपन्न हुई। जिसमें लुधियाना की पांच संस्थाओं के पदाधिकारियों ने भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता गढ़वाल जनकल्याण समिति के पूर्व प्रधान मनबर सिंह रावत ने की। इस बैठक में गढ़वाल जनकल्याण समिति, उतराखण्ड कुमाऊं परिषद, गढ़वाल भ्रात्री मंडल, राष्ट्रीय उतराखण्ड सभा, उत्तरांचल एकता समिति, टिहरी गढ़वाल विकास मंडल के पदाधिकारी शामिल हुए।
बैठक का मुख्य आकर्षण अपणि बोलि अपणि भाषा और गढ़वाली कुमाऊंनी को संवैधानिक दर्जा दिलाने के लिए सभी ने अपनी बात रखी। सभी ने उत्तराखंड की प्रतिनिधि भाषा के लिए काम करने और सभी बोलियों के विद्वानों की एक कमेटी बनाने के लिए सरकार से मांग की।
इस अवसर पर डॉ. बिहारीलाल जलन्धरी ने सभी संस्थाओं के पदाधिकारियों को कार्यक्रम में उपस्थित होने तथा खुलकर बात रखने के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि पसारे पास अपनी बोली भाषा लिखाने पढ़ाने के लिए पहले कोई पाठ्यक्रम नहीं था परंतु अब हमारे पास उतराखण्डी भाषा का एक प्रारूप पाठ्यक्रम है जिसके माध्यम से हम अपनी बोली भाषा अपने बच्चों को लिखा पढ़ा सकते हैं।
बैठक में जिन पदाधिकारियों ने अपने विचार रखे उनमें भारत सिंह नेगी, चंद्र सिंह रावत, मनबर सिंह रावत, मकान सिंह राणा, मनोज शास्त्री, कुंदन सिंह गुसाईं, राजेन्द्र सिंह राणा, कलम सिंह कैतूरा, विनोद भट्ट, प्रेम सिंह बिष्ट, दर्मियान सिंह मेहरा, सुभाष चन्द्र शर्मा, जनार्दन भट्ट, उत्तम सिंह बागड़ी, बलवंत सिंह, सोहन सिंह रावत शामिल रहे।

उतराखण्ड की प्रतिनिधि भाषा पर पटियाला में हुई आम बैठक

पटियाला। दिनांक 7/4/23 को गढ़वाल सभा भवन में उतराखण्ड की बोलियों पर आधारित एक प्रतिनिधि भाषा पर पटियाला में उतराखण्ड समाज की सभी संस्थाओं के पदाधिकारियों की बैठक संपन्न हुई। बैठक का संयोजन उतराखण्डी भाषा प्रसार समिति के पंजाब प्रदेश संयोजक उत्तम सिंह बागड़ी की ओर से किया गया। इस बैठक में दिल्ली से समिति के अध्यक्ष व भाषाविद साहित्यकार डॉ. बिहारीलाल जलन्धरी, पंचकुला से सदस्य सचिव भारत सिंह नेगी तथा दिल्ली से सदस्य चंद्र सिंह रावत उपस्थित रहे। Read More

अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित का होगा नार्को टेस्ट, कोर्ट ने जारी किए आदेश

कोटद्वार। अंकिता हत्याकांड में बुधवार को कोटद्वार की न्यायिक मजिस्ट्रेट भावना पांडे की अदालत ने अहम फैसला सुनाया है। उन्होंने हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य का पॉलीग्राफ और नारको टेस्ट कराए जाने की अनुमति प्रदान की है। ऐसे में अब कई अहम खुलासे होने की उम्मीद जताई जा रही है।

बीते 9 दिसंबर को हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी ने मामले के आरोपी पुलकित आर्य, सौरव भास्कर और अंकित के नारको एवं पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। पहले तो तीनों आरोपियों ने टेस्ट करवाने के लिए हामी भर दी थी लेकिन इसके बाद उनका रवैया लगातार ढिलमुल चल रहा था । 11 जनवरी को अदालत ने आदेश जारी किया कि पुलकित आर्य का पॉलीग्राफ और नारको टेस्ट करवाया जाएगा।

वहीं इस मामले में दो अन्य आरोपी सौरभ भास्कर और अंकित ने टेस्ट करने के लिए मना कर दिया है। आरोपी पुलकित आर्य ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है कि उससे यह भी सवाल पूछे जाए कि अंकिता के अपने परिजनों और दोस्त पुष्पदीप के साथ कैसे संबंध थे। अदालत के फैसले के बाद अब पता चल सकेगा कि रिसोर्ट में कौन वीआईपी आने वाला था व अंकिता की हत्या किसने की।