देहरादन| स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग रद्द करेगा या नहीं यह पुलिस की रिपोर्ट से तय होगा। आयोग की ओर से 13 विभागों के 916 पदों पर 04 एवं 05 दिसंबर को परीक्षा आयोजित की गई थी। चयनित युवाओं के प्रमाण पत्रों का वेरिफिकेशन भी हो चुका था। लेकिन ज्वाइनिंग मिल पाती इससे पहले पेपर लीक मामले का खुलासा हो गया।
आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी के अनुसार उनके कार्यकाल में परीक्षा रद्द करने का फैसला नहीं लिया गया था। अब एसटीएफ की रिपोर्ट पर निर्भर करेगा कि आयोजग आगे क्या फैसला लेता है। इस मामले में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव सुरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि परीक्षा नियंत्रक शालिनी नेगी ने अभी ज्वाइन नहीं किया है। सभी व्यवस्थाएं देखने और समझने के बाद ही परीक्षा को लेकर किसी तरह का निर्णय लिया जाएगा।
ब्लूटूथ से हुआ था पेपर लीक आउट, 07 केंद्रों पर रोकी गई थी परीक्षा
वन विभाग में भर्ती की परीक्षा 2017 में आयोजित की गई थी। इसमें हरिद्वार के सात केंद्रों पर ब्लूटूथ के जरिए पेपर लीक आउट होने का गंभीर आरोप लगा था। इस मामले में 47 युवाओं के खिलाफ कार्रवाई की गई थी और केवल इन्हीं सात केंद्रों पर दोबारा परीक्षा आयोजित की गई थी।
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