मंडवे की रोटी उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में सबसे अधिक लोकप्रिय और प्रमुख व्यंजनों में से एक है। यह रोटी न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि पोषण से भरपूर भी है। गढ़वाल के लोग इसे अक्सर चूल्हे पर मोटी-मोटी बनाते हैं और तिल या भांग की चटनी के साथ बड़े चाव से खाते हैं। यह उत्तराखंडी व्यंजन स्थानीय संस्कृति और परंपरा का एक अभिन्न हिस्सा है। आइए जानते हैं मंडवे की रोटी बनाने की विधि, इसके फायदे, आवश्यक सामग्री और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी, जो इसे एक वेबसाइट के लिए उपयोगी लेख बनाती है।
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उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों से निकली सिंगोरी, जिसे सिंगौरी या सिंगोडी भी कहते हैं, एक अनोखी मिठाई है। यह खास तौर पर कुमाऊं क्षेत्र के अल्मोड़ा शहर से जुड़ी मानी जाती है। मालो के पत्तों में लपेटकर बनाई जाने वाली यह मिठाई खोया, नारियल और गुलाब की पंखुड़ियों से तैयार होती है। इसका स्वाद फूलों जैसा मीठा और बनावट हल्की-नरम होती है, जो इसे बंगाल के संदेश से मिलती-जुलती बनाती है। अगर आप घर पर कुछ पारंपरिक और सेहतमंद मिठाई बनाना चाहते हैं, तो सिंगोरी आपके लिए बेहतरीन विकल्प है।
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पटियाला| उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में एक खास जंगली फल पाया जाता है जिसे काफल कहते हैं। यह गर्मियों के मौसम में पकता है और अपने स्वाद व औषधीय गुणों के कारण बहुत प्रसिद्ध है। काफल का जिक्र भारतीय लोक गीतों में भी मिलता है, जैसे कि “बेड़ू पाको बारामासा, हो नरैण काफल पाको चैता मेरी छैला”। यह गीत उत्तराखंड के सबसे लोकप्रिय लोक गीतों में से एक है, जिसमें काफल के स्वाद का आनंद लिया गया है।
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पटियाला| लिंगड़े की सब्जी उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की एक प्रमुख और पारंपरिक डिश है, जो न केवल स्वाद में लाजवाब होती है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद मानी जाती है। यह खासतौर पर मानसून के मौसम में जून और जुलाई के दौरान पहाड़ी इलाकों में पानी की धाराओं के पास उगता है और पहाड़ी लोग इसे बड़ी चाव से खाते हैं। इस सब्जी का स्वाद ऐसा है कि इसके आगे अन्य किसी सब्जी का स्वाद फीका सा लगता है। Read More
उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनों में से एक है आलू की थिच्वनी। इसे तरीदार बनाया जाता है और ज्यादातर चावल के साथ ही खाया जाता है। आओ जानते हैं कैसे बनती है यह सब्जी।
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सामग्री: 1 कप सूजी, 1 कप दही, 1/2 कप घी, 1 कप चीनी, 1/2 कप दूध, 1 केला, तलने के लिए तेल।
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झंगोरे की खीर खाने में जितनी स्वाद होती है। उतनी ही ये सेहत के लिए लाभदायक है। इस बनाने में 6 से 10 मिनट का समय लगता है। उत्तराखंड में इसे बेहद पसंद किया जाता है।
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कुरुण्ठी उड़द की दाल से बनाई जाती है। ये खाने में अति स्वादिष्ट होती है। दाल-चावल के साथ इसे ठुंगार (सलाद के तौर पर ) खाया जाता है। इसे बनाने में 15 मिनट लगते हैं।
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कफली हरी सब्जियों का छछिंडा होता है। ये खाने में बहुत मजेदार और पौष्टिक भी होता है। इसे बनाने में 10 से 15 मिनट का समय लगता है।
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कददू का रायता खाने में स्वादिष्ट तो होता ही है। लेकिन इसे बनाने में भी बहुत कम समय लगता है। इसे बनाना बहुत ही आसान है। इसे बनाने में 5 से 8 मिनट लगते हैं।
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