चंपावत में हुआ था भगवान विष्णु का कछुआ अवतार। यही स्थान चंद वंश की राजधानी था। राजा अर्जुन देव की बेटी चंपावती के नाम रखा गया। रोमांचकारी ट्रैकिंग के लिए यहां बहुत सी जगह उपलब्ध हैं। चंपावत से 14 किलोमीटर दूर लोहाघाट बहुत मशहूर है। आइए जानें चंपावत के अन्य आकर्षणों के बारे में…
Read More
हिंदुओं में रुद्रनाथ मंदिर का विशेष महत्व है। इस मंदिर में भगवान शिव को नील कंठ महादेव के रूप में पूजा जाता है। यहां बहुत से प्राकृतिक दृश्य और मंदिर बहुत आकर्षित करते हैं। मंदिर चारों तरफ से कुंडों से घिरा है। इन कुंडों को देख कर भी मन को बड़ा सुकून मिलता है। यहां और कौन-कौन से आकर्षण हैं, आइए जानें इसके बारे में…
Read More
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का ज़िक्र रामायण और महाभारत में भी आता है। यहां के कई मंदिर 2000 साल पुराने भी हैं। देहरादून का यह नाम देहरा + दून से पड़ा है। देहरा का मतलब शिविर और दून का मतलब तल वाली भूमि। जाने की पहाड़ों के नीचे वाली भूमि। आइए जानते हैं देहरादून की अन्य खासियतों के बारे में…
Read More
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में समुद्र तल से 3293 मीटर ऊंचाई पर स्थित है तीर्थ स्थल यमुनोत्री। यमुना नदी का यह उदगम स्थल बंदर पुंछ पर्वत पर स्थित। भौगोलिक दृष्टि से तो यमुना नदी कालिंद पर्वत के चंपासर ग्लेशियर से निकलती है, जो समुद्र तल से 4421 मीटर की ऊंचाई पर है। आइए जानते हैं यमुनोत्री की अन्य खासियतों के बारे में…
Read More
हिमालय की तलहटी में और रामगंगा के किनारे स्थित जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क वन्यजीव प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। इस पार्क में करीब 160 बाघ (संख्या कम या ज्यादा भी हो सकती है।), करीब 600 प्रजातियों के पक्षी रहते हैं। यहां के अन्य आकर्षण भी पर्यटकों को लुभाते हैं। आइए जाने जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की अन्य खासियतों के बारे में…
Read More
कुमाऊं क्षेत्र की रानी पद्मिनी जब इस क्षेत्र में आई तो उन्हें यह क्षेत्र बहुत भाया। इस पर राजा सुखहरदेव ने यहां महल बनवाया और इसका नाम रख दिया रानीखेत। ब्रिटिश कुमाऊं रेजीमेंट का मुख्यालय भी इसी जगह बना। चारों ओर बर्फ से ढकी पहाड़ियां अद्भुत आकर्षण पैदा करती हैं। आइए जानें यहां की अन्य खासियत के बारे में…
Read More
उत्तराखंड के जिला उत्तरकाशी में गंगोत्री ग्लेशियर के आखिर में स्थित है खूबसूरत स्थल गोमुख। गोमुख का उद्गम स्थल गाय के मुंह जैसा दिखने की वजह से इसको यह नाम दिया गया है। शिवलिंग पीक इसी जगह के पास है। गोमुख से निकलने वाली नदी भगीरथी और गंगा नदी की सहायक स्रोत है। आइए जाने गोमुख की अन्य खासियतों के बारे में…
Read More
देवभूमि उत्तराखंड की पहाड़ियों के बीच बसे हरिद्वार का उल्लेख कई हिंदू महाकाव्य में मिलता है। शहर का इतिहास राजा विक्रमादित्य के समय से मौजूद है। इस जगह को परमात्मा तक पहुंचने का रास्ता माना जाता है। यह शहर भारत के सात पवित्र शहरों यानी कि सप्तपुरी में से एक है। आइए जाने हरिद्वार के अन्य आकर्षणों के बारे में…
Read More
उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र में स्थित फूलों की घाटी और नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान को सम्मलित रूप से यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित कर चुका है। फूलों की घाटी का फैलाव 87.50 किमी वर्ग क्षेत्र में है और यहां फूलों की 500 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। आइए जाने फूलों की घाटी की अन्य विशेषताओं के बारे में…
Read More
मान्यता है कि बाढ़ में बहकर कालीमठ मंदिर में स्थापित मूर्ति के सिर वाला हिस्सा गांव धारी नदी के किनारे पहुंचा। गांव के लोगों ने इसे चट्टान पर स्थापित किया। फिर मूर्ति को यहां हटाना चाहा पर नहीं हटा पाए और ये धारी देवी शक्तिपीठ बन गया। श्रद्धालु यहां खींचे चले आते हैं। आइए जाने मां धारी देवी के अन्य खासियतों के बारे में…
Read More