संस्कृति

हिमालय की एक कथा: अजुआ बफौल

हिमालय की ऊंची चोटियों के बीच, बहुत समय पहले, पांच देवता एक यात्रा पर निकले। विश्राम के दौरान उन्होंने मनोरंजन के लिए मिट्टी के चार गोले बनाए और उन्हें चार दिशाओं में फेंक दिया। इन गोलों से चार विशाल और बलशाली योद्धा प्रकट हुए। इन योद्धाओं ने देवताओं से अपनी उत्पत्ति का कारण पूछा। देवताओं ने हंसते हुए कहा, “हम तो बस खेल रहे थे, उसी में तुम बन गए।” योद्धाओं ने कार्य मांगा, तो देवताओं ने कहा, “जाओ, दुनिया घूमो, अपनी शक्ति का परिचय दो।”

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पौड़ी गढ़वाल सभा के होलिहार ने घर-घर जाकर मनाई उत्तराखंडी होली

पटियाला। पौड़ी गढ़वाल सभा पटियाला की ओर से उत्तराखंडी रीति-रिवाजों के अनुसार सात्विक होली पर्व मनाया गया। सभा के होलिहार ने इस साल विर्क कालोनी, शांति नगर में अपने उत्तराखंडी भाई बंधुओं को उनके घर पर जाकर होली की बधाई दी, एवं उनके समस्त परिवार की खुशहाली और तंदुरुस्ती के लिए प्रभु से प्रार्थना की। साथ ही निर्णय लिया कि हर साल इसी प्रकार से अलग-अलग कालोनियों में जाकर होली पर्व को अपनों के साथ, आपके द्वार मनाया जाएगा। प्रधान श्री बीरेंद्र सिंह पटवाल जहां सभी को होली की शुभकामनाएं दी। वहीं सभी से अपनी संस्कृति के साथ जुड़ने की अपील भी की। सभा के सांस्कृतिक सचिव श्री रणवीर सिंह रावत ने कहा कि हमें अपनी संस्कृति के साथ जुड़े रहने की पुरजोर कोशिश करनी चाहिए और अपने तीज त्यौहारों को मनाकर एकजुट होकर रहना चाहिए। इस मौके पर सभा के पदाधिकारी एवं सदस्य मौजूद रहे।

लिंगड़े की सब्जी: उत्तराखंड का प्रिय पकवान


पटियाला| लिंगड़े की सब्जी उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की एक प्रमुख और पारंपरिक डिश है, जो न केवल स्वाद में लाजवाब होती है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद मानी जाती है। यह खासतौर पर मानसून के मौसम में जून और जुलाई के दौरान पहाड़ी इलाकों में पानी की धाराओं के पास उगता है और पहाड़ी लोग इसे बड़ी चाव से खाते हैं। इस सब्जी का स्वाद ऐसा है कि इसके आगे अन्य किसी सब्जी का स्वाद फीका सा लगता है। Read More

पटियाला में उत्तराखंडी समाज ने किया मेघावी विधियार्थियों का “विद्या गौरव सम्मान-2024” से सम्मान

पटियाला। पटियाला की उत्तराखंडी संस्थाओं और बुद्धिजीवियों के द्वारा सामूहिक रूप से पहला “विद्या गौरव सम्मान-2024” सम्मान समारोह का आयोजन प्रभात परवाना हाल गत रविवार में किया गया। जिसमें उत्तराखंडी समाज के होनहार बच्चों जिनके वर्ष 2024 में कक्षा 10वीं या कक्षा 12वीं की परीक्षा में 85% या 85% से अधिक अंक आए हैं ऐसे 30 मेधावी छात्र छात्राओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। Read More

हरेला पर्व : हिलाँस मंच ने छठ पूजा पार्क में लगाए पौधे

उत्तराखंड हिलाँस सांस्कृतिक कला मंच ने एकता नगर के छठ पूजा पार्क में पौधरोपण कर हरेला पर्व मनाया। कार्यक्रम में एकता नगर वेलफेयर और छठ पूजा पार्क समिति ने विशेष सहयोग किया। कार्यक्रम में पहुंचे गणमान्यों ने मंच के कार्यों को सराहा और भविष्य में भी भरपूर सहयोग करने का भरोसा दिया।

गुरु दर्शन से निहाल हुए भक्तजन

फोर्ट पटियाला पैलेस में आयोजित सद्भावना सम्मेलन में भक्तजनों ने गुरु दर्शन पाए। संत सतपाल महाराज का आगमन हुआ तो पंडाल जयकारों से गूंज उठा। भक्ति से ओतप्रोत भजनों पर श्रद्धालु खूब झूमे।

CharDham Yata 2023 : 26 तीर्थ यात्रियों ने गंवाई जान, सेहत का जरूर रखें ख्याल

उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2023 शुरू हो चुकी हैं। भक्त लगातार दर्शनों के लिए रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं। लेकिन ये बात भी सत्य है कि चारधाम यात्रा इतनी भी आसान नहीं है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री सहित चारों धामों में दर्शन के दौरान 26 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। ज्यादातर यात्री 60 से ज्यादा उम्र के थे। ऐसे में यात्रा पर जाने से पहले सेहत का जरूर ख्याल कर लें ताकि यात्रा के दौरान किसी तरह की समस्या न हो। एमपी, यूपी, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान आदि राज्यों से आने वाले तीर्थ यात्री सतर्क रहें। इस समस्या से निपटने के लिए इस बार सरकार ने 55 से अधिक उम्र के लोगों के लिए बीमारी की जानकारी देने के साथ ही स्क्रीनिंग फार्म भरना अनिवार्य कर दिया है। बता दें कि गंगोत्री धाम के कपाट 22 अप्रैल को, केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल को और बद्रीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को खोल दिए गए थे।
हेल्थ स्क्रीनिंग फॉर्म में यात्री को नाम, उम्र, मोबाइल नंबर, लम्बाई, वजन के अलावा रक्तचाप, अस्थमा, शूगर, हृदय रोग, सांस में तकलीफ और प्रेग्नेंसी की जानकारी देनी आवश्यक है। उत्तराखंड में केदारनाथ, बद्रीनाथ सहित चारों धाम समुद्र तल से काफी ऊंचाई पर स्थित हैं। ऐसे में देश-विदेश से आ रहे श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऊंचाई वाले इलाकों में ऑक्सीजन की कमी की वजह से विशेषकर दिल, सांस और बुजुर्गों की परेशानी भी बढ़ जाती है।

बता दें कि केदारनाथ दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के नए पंजीकरण पर 15 मई तक रोक लगा दी गई है। खराब मौसम और भीड़ नियंत्रण को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। धाम में दर्शन के लिए रोजाना 23 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।

इन बातों का रखें ख्याल
कम से कम सात दिन का टूर बनाएं।
कुछ दिनों तक लोग 30 घंटे तक टहलें या सैर पर निकलें।
यात्रा पर जाने से पहले रोज 10 मिनट सांस से जुड़े व्यायाम करें।
जरूरी दवाएं, स्वास्थ्य उपकरण और गर्म कपड़े साथ रखें।
चलने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
मौसम संबंध्जी और हेल्थ पोस्ट की जानकारी जरूर रखें।
यात्रा के दौरान कम से कम दो लीटर तरल पीएं और भरपूर पौष्टिक आहार भी लें।

बंगारस्यूं विकास समिति ने कराया श्री सुंदरकाण्ड पाठ

चंडीगढ़। बंगारस्यूं विकास समिति की ओर से गढ़वाल सभा भवन चंडीगढ़ में श्री सुंदरकाण्ड पाठ आयोजित किया गया। पंडित हरीश शर्मा बाबुलकर ने प्रभु राम और बजरंगबली का गुणगान किया। उनके गाए भजनों पर भक्त खूब झूमे। कार्यक्रम के दौरान साहित्यकार चंद्रमोहन ढौंडियाल द्वारा अनुवादित गढ़वलि रामायण के बारे में भी भक्तों को जानकारी दी गई। साहित्यकार के इस प्रयास को सभी ने खूब सराहा।

डोली में सवार होकर भक्तों से मिलने आईं मां काली

पटियाला।इन दिनों पटियाला जिले के खालसा नगर बी इलाके में मां काली की डोली भक्तों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। भक्तजन मां का भरपूर आशीर्वाद लेकर अपनी झोलियां भर रहे हैं। उत्तरांचल समाज सुधार संस्था की ओर से जहां एक ओर श्रीमद्भगवत कथा करवाई जा रही है। वहीं पंडाल में भक्तजन मां काली का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं। उपासक सुशील बडौनी जी अपनी टीम सहित मां काली की सेवा में उपस्थित हैं। 26 अप्रैल को सुबह 10:00 बजे मां काली की डोली नाभा रोड स्थित श्री नैना देवी मंदिर पहुंची। यहां पूजा अर्चना के बाद मां काली ने सेन्च्युरी इन्क्लेव सहित विभन्न स्थानों पर जाकर भक्तों को आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए संस्था के मुख्य सलाहकार उपनयन सिंह पंवार ने बताया कि इससे पहले 25 अप्रैल की शाम को कथा विराम के बाद मां काली ने भक्तों के बीच जाकर उन्हें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम के दौरान भक्तों का तांता लगा रहा। इस दौरान सभी ने मां का आशीर्वाद लिया। मनमोहक दृश्यों ने सभी को उत्तराखंड की यादों के झरोखों में उतरने को मजबूर कर दिया। कार्यक्रम 29 अप्रैल तक चलेगा।

श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन भगवान श्रीकृष्ण के भजनों पर झूमे भक्त

पटियाला। उत्तरांचल समाज सुधार संस्था की ओर से खालसा नगर बी में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन भक्त भजनों पर खूब झूमे। कथा व्यास आदेश शास्त्री जी ने अपने मधुर कंठ से भागवत गीता का उच्चारण कर श्रोतागणों को मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम में पौड़ी गढ़वाल सभा के पदाधिकारी विशेष तौर पर पहुंचकर प्रभु के चरणों में नतमस्तक हुए। इसके बाद आयोजकों की ओर से सभी गणमान्यों को सम्मानित किया गया। इसके बाद साहित्यकार चंद्रमोहन ढौंडियाल ने उनकी ओर से अनुवादित गढ़वलि सुंदरकांड पुस्तक पर प्रकाश डाला। मंच का संचालन मुख्य सलाहकार उपनयन सिंह पंवार ने बखूबी किया। सभी भक्त प्रभु की आरती में शामिल हुए। उपासक श्री सुशील बडौनी जी मां काली की सेवा में उपस्थित रहे।