कोटद्वार। अंकिता हत्याकांड में बुधवार को कोटद्वार की न्यायिक मजिस्ट्रेट भावना पांडे की अदालत ने अहम फैसला सुनाया है। उन्होंने हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य का पॉलीग्राफ और नारको टेस्ट कराए जाने की अनुमति प्रदान की है। ऐसे में अब कई अहम खुलासे होने की उम्मीद जताई जा रही है।
बीते 9 दिसंबर को हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी ने मामले के आरोपी पुलकित आर्य, सौरव भास्कर और अंकित के नारको एवं पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। पहले तो तीनों आरोपियों ने टेस्ट करवाने के लिए हामी भर दी थी लेकिन इसके बाद उनका रवैया लगातार ढिलमुल चल रहा था । 11 जनवरी को अदालत ने आदेश जारी किया कि पुलकित आर्य का पॉलीग्राफ और नारको टेस्ट करवाया जाएगा।
वहीं इस मामले में दो अन्य आरोपी सौरभ भास्कर और अंकित ने टेस्ट करने के लिए मना कर दिया है। आरोपी पुलकित आर्य ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है कि उससे यह भी सवाल पूछे जाए कि अंकिता के अपने परिजनों और दोस्त पुष्पदीप के साथ कैसे संबंध थे। अदालत के फैसले के बाद अब पता चल सकेगा कि रिसोर्ट में कौन वीआईपी आने वाला था व अंकिता की हत्या किसने की।
टीम इंडिया। फोटो सोशल मीडिया
भारत और बांग्लादेश के बीच तीन वनडे मैचों की सीरीज 4 दिसंबर 2022 से शुरू होने जा रही है। इंडिया 7 साल बाद बांग्लादेश में खेलेगा। उस समय टीम इंडिया को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। साल 2015 में बांग्लादेश का दौरा भारतीय टीम के लिए यादगार नहीं था। बांग्लादेश ने तीन वनडे मैचों की सीरीज को 2-1 से जीत लिया था। उस समय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी थे।
ये खिलाड़ी हैं टीम में शामिल
रोहित शर्मा (कप्तान), केएल राहुल (उपकप्तान), शिखर धवन, विराट कोहली, रजत पाटीदार, श्रेयस अय्यर, राहुल त्रिपाठी, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), ईशान किशन (विकेटकीपर), शाहबाज अहमद, अक्षर पटेल, वॉशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, दीपक चाहर और कुलदीप सेन।
देहरादून | अग्निपथ सेना भर्ती योजना के तहत कोटद्वार में आयोजित रैली में लैंसडौन और रुद्रप्रयाग के युवा बुलंद हौसलों के साथ पहुंचे। कम लंबाई की वजह से कई युवाओं का अग्निवीर बनने का सपना चूर-चूर हो गया। भर्ती रैली के चौथे दिन रुद्रप्रयाग और पौड़ी जिले की तीन तहसीलों के 5122 युवाओं ने रैली में हिस्सा लिया। 5928 युवाओं ने पंजीकरण कराया जबकि 806 युवा नहीं पहुंचे।
देहरादून | जिलाधिकारी पौड़ी डॉ. विजय कुमार ने सात किलोमीटर पैदल चलकर गांव ढौरपाली का जायजा लिया। उनके साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान, विधायक रेनू बिष्ट और अन्य अधिकारी मौजूद रहे। टीम ने यमकेश्वर ब्लॉक के कई गांवों का दौरा कर अतिवृष्टि से हुए जान-माल के नुकसान का आंकलन किया।
टीम ने मराल तल्ली, बिनक, ढौरपाली व अन्य क्षेत्रों का दौरा भी किया। मृतक महिला के परिजनों से डीएम ने मुलाकात की। उन्होंने एसडीएम प्रमोद कुमार को प्रभावित परिवार को आपदा मोचन निधि से तत्काल सहायता राशि देने के निर्देश दिए।
डीएम ने संबंधित अधिकारियों को भोजन, पशुओं के लिए चारा और गांवों में आवश्यक सामग्री तुरंत पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य कृषि अधिकारी को आदेश दिए कि जल्द से जल्द प्रभावित कृषि भूमि की रिपोर्ट बनाने को कहा। ताकि प्रभावितों को उचित मुआवजा दिया जा सके।
डीएम ने प्रभावित क्षेत्रों टूटी सड़कों को बहाल करने और वैकल्पिक रास्ते बनाने के आदेश भी दिए। इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी अमरेंद्र सिंह चौधरी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. देवेंद्र सिंह बिष्ट मौजूद रहे। जिला पूर्ति अधिकारी केएस कोहली, अधिशासी अभियंता जल संस्थान संतोष उपाध्याय, बीडीओ दृष्टि आनंद, ग्राम प्रधान अनीता देवी ने प्रभावितों का हाल जाना।
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ग्राउंड जीरो पर जाकर भारी बारिश से हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने आपदा प्रभावित इलाकों में राहत, बचाव एवं संपर्क बहाल करने के लिए आवश्यकता पड़ने पर सेना की मदद लेने की बात कही। टूट चुके संपर्क मार्गों के जगह वैकल्पिक मार्ग बनाने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने थानो, कुमाल्डा एवं उसके आसपास के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना करने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने कमिश्नर गढ़वाल सुशील कुमार एवं टिहरी के जिलाधिकारी डॉ.सौरभ गहरवार को आपदा प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के निर्देश दिए हैं। प्रभावितों के लिए आवश्यक सामग्री एवं भोजन व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।
सीएम ने थानों मार्ग पर क्षतिग्रस्त पुल का निरीक्षण किया। सीएम ने जेसीबी से स्थलीय निरीक्षण करने के बाद सचिवालय में आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम में आपदा से उत्पन्न स्थिति का जायजा लिया और मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन के साथ ही आपदा से जुड़े अन्य उच्चाधिकारियों के साथ भी स्थिति की समीक्षा की।
नई टिहरी| टिहरी एवं उत्तरकाशी के कई गांवों को जोड़ता लंबगांव-बिजपुर-घनसाली राज्य मार्ग एक महीने से बंद पड़ा है। इससे कई ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आवागमन के लिए ग्रामीण लंबे रास्तों से होकर आवागमन करने के लिए मजबूर है। वाहन केमुंडाखाल-चमियाला के रास्ते घनसाली पहुंच रहे हैं।
ग्रामीणों को आवश्यक वस्तुएं भी समय पर नहीं मिल पा रही हैं। उत्तरकाशी जिले के गाजणा पट्टी, भटवाड़ी आदि क्षेत्र मार्ग बंद होने से पूरी तरह प्रभावित हैं। लंबगांव क्षेत्र का प्रमुख मोटर मार्ग लंबगांव-बिपुर-पनियाला भी बाधित है।
इसी तरह टिहरी जिले में प्रतापनगर की भदूरा पट्टी सहित चमियाला क्षेत्र पहाड़ दरकने, जमीन धंसने से प्रभावित हो गए हैं। वाहनों के लिए मार्ग खोलने में अभी और समय लग सकता है।
पटियाला|आजादी के अमृतोत्सव पर पौड़ी गढ़वाल सभा पटियाला ने परीक्षाओं में उत्कृष्ट अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों एवं सभा के सेवानिवृत्त गणमान्यों स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय ध्वज सभा के बायोवृद्ध सदस्य श्री रघुवीर सिंह बिष्ट ने तिरंगा फहराया। राष्ट्र गान के बाद कार्यक्रम आरंभ हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. बिहारीलाल जलन्धरी जबकि विशेष अतिथि श्री पीतांबर बडोनी, वेद प्रकाश बडोला और श्री लक्ष्मण सिंह रावत रहे।
पौड़ी गढ़वाल सभा के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभावान बच्चों ने सांस्कृतिक एंव रंगारंग प्रस्तुति दी। मुख्यातिथि डॉ. जालंधरी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों की प्रतिभा निखारने के अवसर प्राप्त होते हैं। इस तरह के आयोजन हर वर्ष होने चाहिए।
उन्होंने प्रवास में निवास करने वाले उतराखण्डी समाज को अपनी मातृभूमि और मातृभाषा की याद दिलाते कहा कि सभी को अपने गांव में पैतृक मकानों को सुरक्षित रखने के लिए काम करना चाहिए। कम से कम साल में दो बार बच्चों का परिचय उस धरती से जरुर कराएं, जहां से आपकी जड़ें मजबूत हुईं।
सभा के अध्यक्ष बीरेंद्र पटवाल ने मेघावी बच्चों की सफलता में माता-पिता की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला। सभा के संरक्षक रमेश ध्यानी ने लोगों से गढ़वाली बोलने की अपील की। उन्होंने डॉ. बिहारीलाल जालंधरी के अपणि बोलि अपणि भाषा के राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता अभियान की सराहना कर भविष्य में सहयोग देने का वादा किया।
इस अवसर पर सभा के पदाधिकारी महासचिव वीरेंद्र चौहान, कोषाध्यक्ष रणबीर सिंह रावत, धर्मपाल, चंद्र मोहन ढ़ौंडियाल, दयाल सिंह रावत, सुल्तान सिंह राणा, विश्वेश्वर प्रसाद सती, महिपाल चौहान, मनबर सिंह नेगी, घमंड सिंह चौहान, हरिदत्त ढ़ौंडियाल, राजेश ध्यानी, नरेंद्र बुड़ाकोटी, दलबीर सिंह बिष्ट और बड़ी संख्या में बच्चे मौजूद रहे।
देहरादन| स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग रद्द करेगा या नहीं यह पुलिस की रिपोर्ट से तय होगा। आयोग की ओर से 13 विभागों के 916 पदों पर 04 एवं 05 दिसंबर को परीक्षा आयोजित की गई थी। चयनित युवाओं के प्रमाण पत्रों का वेरिफिकेशन भी हो चुका था। लेकिन ज्वाइनिंग मिल पाती इससे पहले पेपर लीक मामले का खुलासा हो गया।
आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी के अनुसार उनके कार्यकाल में परीक्षा रद्द करने का फैसला नहीं लिया गया था। अब एसटीएफ की रिपोर्ट पर निर्भर करेगा कि आयोजग आगे क्या फैसला लेता है। इस मामले में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव सुरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि परीक्षा नियंत्रक शालिनी नेगी ने अभी ज्वाइन नहीं किया है। सभी व्यवस्थाएं देखने और समझने के बाद ही परीक्षा को लेकर किसी तरह का निर्णय लिया जाएगा।
ब्लूटूथ से हुआ था पेपर लीक आउट, 07 केंद्रों पर रोकी गई थी परीक्षा
वन विभाग में भर्ती की परीक्षा 2017 में आयोजित की गई थी। इसमें हरिद्वार के सात केंद्रों पर ब्लूटूथ के जरिए पेपर लीक आउट होने का गंभीर आरोप लगा था। इस मामले में 47 युवाओं के खिलाफ कार्रवाई की गई थी और केवल इन्हीं सात केंद्रों पर दोबारा परीक्षा आयोजित की गई थी।
ऋषिकेश । रोमांच के शौकीनों के लिए 01 सितंबर से राफ्टिंग और कैंपिंग फिर से शुरू की जा रही है। हेंवघाटी, तपोवन और शिवपुरी क्षेत्र में संचालित कैंप फिर से चल सकेंगे। गंगा का जलस्तर बढ़ा तो 30 जून के बाद राफ्टिंग का संचालन बंद कर दिया गया था। जुलाई और अगस्त महीने में बरसात की वजह से पर्यटक पानी के रोमांचक खेलों और नदी किनारे लगे कैंपों से दूरी बना लेते हैं।
देहरादनू। 06 मई 2022 से केदारनाथ धाम यात्रा का शुभारंभ हुआ। सिर्फ छह दिनों में ही दर्शनार्थियों का आंकड़ा एक लाख के पार पहुंच गया। अब केवल स्वतंत्रमता दिवस पर 9635 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन कर केदारनाथ यात्रा के इतिहास में नया अध्याय जोड़ दिया है।
इस यात्राकाल में केदार धाम के दर्शन करने वालों का आंकड़ा 10,080,83 पहुंच चुका है। ये अपने आप में एक नया रिकाॅर्ड है। पहले साल 2019 में 10,00021 श्रद्धालुओं ने केदारनाथ पहुंचकर बाबा के दर्शन किए थे।
यात्रा की शुरुआत के 26 दिन में ही 04 लाख से अधिक यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए। जुलाई से 15 अगस्त तक डेढ़ महीने में ही धाम में 1,76,483 श्रद्धालु पहुंचे। श्रद्धालुओं की बढ़ी संख्या की वजह से स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से अपनी रोजी रोटी चलाने के लिए पहले से ज्यादा रोजगार के साधन प्राप्त हुए।
मॉनसून के बाद फिर आ सकती है यात्रा में तेजी
केदारधाम यात्रा के संबंध में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि माॅनसून के बाद यात्रा में फिर तेजी आ सकती है। चारधामों में तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पहली बार स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा मार्गों पर नौ स्थानों पर हेल्थ स्क्रीनिंग शुरू की है।