पटियाला | उत्तराखंड हिलांस सांस्कृतिक कला मंच की ओर से प्रधान दिनेश सिंह चौहान की अध्यक्षता में रक्तदान कैंप आयोजित किया गया। इस दौरान 15 वॉलंटियर्स ने रक्तदान किया। रक्तदानियों में धीरेन्द्र सिंह राणा, अर्जुन कुमार, लखविंदर सिंह, राम सिंह, सुनील प्रधान, पूरन पांडे, गौरव रावत, रवीन्द्र सिंह, भूपेंद्र वैदोला, संदीप सिंह, कुलदीप सिंह, हरविंदर सिंह, मनोज कुमार, फरमान सिंह, रमेश कुमार शामिल रहे।
इस मौके पर चैयरमैन हरी सिंह भंडारी, मुख्य सलाहकार धीरज सिंह रावत, प्रधान दिनेश सिंह चौहान, उप प्रधान गिरीश चंद्र, सचिव वीर सिंह सेनवाल, कोषाध्यक्ष गोबिंद सिंह रावत, उपकोषाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह राणा, उपनिर्देशक विनीता चौहान, मीडिया प्रभारी प्रमोद रावत, निरीक्षक प्रदीप कठैत एवं कार्यकारिणी सदस्य तुलसी मनराल, ममता देवी, लक्ष्मी रावत, बच्चन सिंह रावत, सौरभ पपनोई, दीपक देवली, जगदीश प्रसाद, कविता मेहरा, पूजा रावत, नन्दी शाही, सरोज बिष्ट, लक्ष्मी रावत आदि मौजूद रहे।
रक्तदान कैंप से पहले मंच के चेयरमैन हरी सिंह भंडारी ने संबोधित करते हुए रक्तदान काे महादान बताया। उन्होंने कहा कि हर किसी को इस नेक काम में आगे आना चाहिए। मंच के मुख्य सलाहकार धीरज सिंह रावत ने बताया कि रक्तदान करने से हमें स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। कौषाध्यक्ष गोबिंद सिंह रावत ने अपने संबोधन में कहा कि एक व्यक्ति एक बार में केवल एक यूनिट रक्तदान करता है इसलिए किसी भी तरह का कोई डर नहीं है। उन्होंने कहाकि हम तीन महीने बाद रक्तदान दोबारा कर सकते हैं। इस दौरान उपनिर्देशक विनीता चौहान ने सभी को संबोधित करते कहा कि हमें बढ़ चढ़कर रक्तदान में हिस्सा लेना चाहिए ताकि हर जरुरतमंद इंसान की इलाज के दौरान मदद हो सके। अंत में मंच के प्रधान दिनेश सिंह चौहान ने कहा कि हमारा एक रक्तदान किसी जरुरतमंद की जान बचा सकता है। इस लिए हमें रक्तदान जरूर करना चाहिए। प्रधान दिनेश सिंह चौहान ने मंच के सभी पदाधिकारियों, कार्यकारिणी सदस्यों और मेंबरों का आभार जताया।
उत्तराखंड हिलांस सांस्कृतिक कला मंच की ओर से आयोजित इस रक्तदान कैंप में मंच की महिला पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी मेंबर्स ने पूर्ण योगदान दिया। राजिंद्रा अस्पताल की ब्लड बैंक टीम ने मंच के सभी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया। काय्रक्रम के अंत में रक्तदानियों को प्रशंसा पत्र आबंटित किए गए। कैंप को सफल बनाने में मेहनत करने वाले माहनुभवों को विशेष तौर पर सम्मानित किया गया।
देहरादून | उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को शपथ ले ली है। राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित भाजपा शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद रहे। मुख्यमंत्री की कैबिनेट में 8 मंत्रियों ने प्रधानमंत्री के सामने शपथ ली। इनमें सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, धन सिंह रावत, रेखा आर्य, चंदन राम दास, सौरभ बहुगुणा शामिल हैं।
मंत्रिमंडल से इन्हें किया बाहर
विधायक विशन सिंह चुफाल और विधायक बंशीधर भगत को मंत्रीमंडल से बाहर कर दिया गया है जबकि प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को भी मंत्री पद नहीं दिया गया।
उत्तराखंड के प्रसिद्ध गायक गजेंद्र राणा के हिट गीत ‘पुष्पा छोरी पौड़ी खाल की….’ में पुष्पा छोरी का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री रीना रावत को निधन हो गया है। उत्तराखंड के तमाम कलाकारों ने इस पर शोक जताया है। सोशल मीडिया से मिली जानकारी की बात करें तो अभिनेत्री रीना रावत पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थी और ह्रदय गति रुक जाने से उनकी मृत्यु हो गई। उत्तराखंड फिल्म जगत ने इसे बेहद दु:खद करार दिया। रीना रावत ने फ्योंली ज्वान ह्वे गे जैसी कई गढ़वाली एल्बम में काम किया।
एकता नगर सेवा समिति संबंधित गढ़मांऊ एकता एवं सेवा समिति, पटियाला की ओर से एकता नगर में श्री रामायण जी का अखंड पाठ रखवाया गया। इस मौके पर श्रीराम संकीर्तन मंडली संयोजक यूके फ्रैंड्स क्लब पटियाला ने श्री रामायण जी के पाठ की समाप्ति के बाद कीर्तन-भजन किया और नगर में भक्ति भाव का माहौल बना दिया। पाठ की समाप्ति के बाद पूरी कॉलोनी के लिए कड़ी-चावल का लंगर भी चलाया गया। कार्यक्रम में भाजपा के जिला प्रधान हरिंदर कोहली विशेष तौर पर पहुंचे। इस मौके पर प्रधान विजय कुमार सकलानी, महासचिव मेहरबान सिंह रावत और समिति के अन्य मेंबर मौजूद रहे।
-आर प्रमोद
पौड़ी गढ़वाल सभा के वरिष्ठ सदस्य व वर्तमान निरीक्षक दयाल सिंह रावत बहादुरगढ़, पटियाला स्थित फैडरल मुगल गोइटजे इंडिया, बहादुरगढ़, पटियाला से रिटायर्ड हो गए। इस उपलक्ष्य में उनके निवास स्थान पर श्री रामचरित मानस जी के अखंड पाठ का आयोजन किया गया। सभा की रामायण मंडली ने कीर्तन भी किया। इस मौके पर सभा प्रधान बीरेंद्र पटवाल, संरक्षक रमेश ध्यानी, चंद्रमोहन ढौंडियाल, रामायण मंडली के प्रधान सुल्तान सिंह राणा, मनवर सिंह नेगी, विश्वेश्वर प्रसाद सुंडली और अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
-आर प्रमोद
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रिमार्केबल: पढ़ने के लिए रीडिंग बुक, लिखने के लिए नोटबुक, स्कैच बनाने के लिए स्कैच पेपर को बाहर निकालें और इसकी जगह रिमार्केबल को अपनाएं, क्योंकि इसमें यह सब सुविधाएं उपलब्ध हैं। रिमार्केबल में कैनवास डिस्पले है, किसी बढ़िया क्वालिटी के पेपर की तरह आप इस पर लिख सकते हैं। इसके पेन के साथ जब आप लिखेंगे तो आपको किसी नोटबुक में लिखने जैसा ही फील आएगा। जिस भी तरह के पेपर टैंपलेंट पर आपको लिखना है बस आप उसे चूज करें और वैसा ही टैंपलेंट आपके सामने लिखने के लिए हाजिर हो जाएगा। रिमार्केबल अपने पास रख लेंगे तो आपको अपने साथ भारी भरकम नोटबुक रखने की जरुरत नहीं पड़ेगी और न ही नोटबुक को घर जाकर बार-बार बदलने का झंझट रहेगा। इसमें किसी स्कैच की तरह ही आप अपने पैन से स्कैच बना सकते हैं और बढ़िया राइटिंग के साथ लिख सकते हैं। आपके स्कैच और नोट्स सभी को रिमार्केबल संभालकर रख सकता है। इसे आप अपने कंप्यूटर के साथ अटैच भी कर सकते हैं।
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महिलाओं को सशक्त बनाने का इरादा रखने वाली शीतल ने पिछले साल करीब 23 वर्ष की उम्र में विश्व की तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा (8586 मीटर) को फतह कर विश्व रिकार्ड बनाकर एवरेस्ट चढ़ने की मंशा जता दी थी। एक मई को दिल्ली से काठमांडू रवाना होते समय अमर उजाला से बातचीत में पहाड़ की इस बेटी ने कहा था कि हर पर्वतारोही की तरह उसका भी सपना माउंड एवरेस्ट पर अपने देश का झंडा फहराना है। साथ ही शीतल ने उम्मीद जताई थी कि उसके कामयाब होने के बाद एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी और बढ़ेगी।
शीतल ने वर्ष 2014 में एनसीसी ज्वाइन की थी। इस दौरान ही उन्होंने माउंटनेयरिंग के बेसिक गुर सीखे। शीतल ने देश के विख्यात माउंटेनियरिंग संस्थानों से माउंटेनियरिंग का बेसिक और एडवांस कोर्स किया है। एवरेस्ट, कंचनजंगा से पहले शीतल ने सतोपंथ (7075 मीटर), त्रिशूल (7120 मीटर) के साथ कई अन्य पर्वतों का सफलतापूर्वक आरोहण किया है। कंचनजंगा फतह करने के बाद से ही शीतल ने मिशन एवरेस्ट की तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने ट्रेनिंग के लिए कुमाऊं की पंचाचूली पर्वत श्रंखला (धारचूला) को चुना था।
एवरेस्टर योगेश गर्ब्याल बताते हैं कि अभ्यास के दौरान शीतल धारचूला की दारमा और व्यास घाटी में 20 किलो सामान के साथ रोजाना 8 से 9 घंटे चलती थीं। शीतल अभियान की तैयारी के लिए इसी साल जनवरी में लेह भी गईं थीं। एवरेस्टर गर्ब्याल ने बताया कि शीतल के साथ वह वर्ष 2017 से कई अभियानों में हिस्सा ले चुके हैं। कंचनजंगा फतह भी उन्होंने साथ किया। शीतल फिजिकली और मेंटली इस (एवरेस्ट) बड़े अभियान के लिए तैयार थी।
दारमा, व्यास घाटी बन सकती है पर्वतारोहण प्रशिक्षण का हब
एवरेस्ट, कंचनजंगा समेत इंडियन हिमालय के कई पर्वतों में देश का झंडा फहरा चुके धारचूला के गर्ब्यांग निवासी योगेश गर्ब्याल कहते हैं कि कुमाऊं माउंटेनियरिंग ट्रेनिंग के अनुकूल है। भविष्य में दारमा और व्यास घाटी पर्वतारोहण अभ्यास का हब बन सकता है। शीतल की सफलता ने इस बात को साबित भी किया है।
शीतल पर्वतारोहण के लिए बच्चों को करतीं है प्रोत्साहित
वर्ष 2018 में शीतल ने कुमाऊं मंडल विकास निगम, रं यूथ फोरम धारचूला और द हिमालयन गोट्स संस्था के साथ मिलकर 350 बच्चों को निशुल्क पर्वतारोहण का प्रशिक्षण दिया था। शीतल समय-समय पर बच्चों को पर्वतारोहण के टिप्स देती रहती हैं।
धारचूला के लाल करते हैं कमाल
पिथौरागढ़ जनपद के सीमांत धारचूला क्षेत्र के दारमा, व्यास और चौंदास घाटी की दो बेटियों सहित पांच पर्वतारोहियों ने एवरेस्ट फतह करके दिखाया है। इन सभी पर्वतारोहियों ने सीमित संसाधनों के बावजूद मजबूत इरादों के बल पर यह कीर्तिमान स्थापित किया है।
धारचूला के व्यास घाटी के गुंजी गांव निवासी पदमश्री मोहन सिंह गुंज्याल, गर्ब्यांग के योगेंद्र गर्ब्याल, चौंदास घाटी के सोसा गांव की कविता बूढ़ाथोकी, दारमा घाटी के सौन गांव के आईटीबीपी में डिप्टी कमांडेंट रतन सिंह सोनाल और सुमन कुटियाल ने एवरेस्ट समेत देश-विदेश की कई चोटियों में तिरंगा फहरा कर देश और क्षेत्र का नाम रोशन किया है। एवरेस्ट विजेता व्यास घाटी की सुमन कुटियाल को वर्ष 1994 में नेशनल एडवेंचर अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
धारचूला में जन्मी रं समाज की महिला चंद्रप्रभा ऐतवाल एवरेस्ट फतह करने में सफल नहीं हो पाईं, लेकिन उनके मार्ग दर्शन में कई पर्वतारोहियों ने इस चोटी पर परचम फहराया। युवा पर्वतारोही योगेंद्र गर्ब्याल का कहना है कि पर्वतारोहण के क्षेत्र में अवसरों की कोई कमी नहीं है। यदि युवा इसे करियर के रूप में अपनाएं तो उनका भविष्य बेहतर हो सकता है।
सात बार एवरेस्ट फतह कर चुके हैं मुनस्यारी के लवराज
बीएसएफ के सहायक सेनानी एवं मुनस्यारी के बौना गांव निवासी पद्मश्री लवराज धर्मशक्तू सात बार एवरेस्ट फतह कर चुके हैं। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी सागरमाथा में सात बार चढ़ने वाले लवराज भारत के पहले पर्वतारोही हैं। लवराज ने वर्ष 2018 में सातवीं बार एवरेस्ट फतह किया। खास बात यह है कि सात बार एवरेस्ट फतह करने वाले लवराज बिना ऑक्सीजन के एवरेस्ट चढ़ चुके हैं। लवराज ऐसे पर्वतारोही जिन्होंने चारों दिशाओं की तरफ से एवरेस्ट चढ़ने में सफलता हासिल की है। लवराज वर्ष 1998 में पहली बार एवरेस्ट में चढ़े थे। बीएसएफ में जाने के बाद वर्ष 2006, 2009, 2012, 2013, मई 2017 और ठीक एक साल बाद मई 2018 में सातवीं बार एवरेस्ट फतह किया था।
-साभार: अमर उजाला
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा के पास शनिवार को बारूदी सुरंग को निष्क्रिय करते समय विस्फोट हो गयाा। इसमें शहीद हुए मेजर चित्रेश बिष्ट की अगले महीने शादी होने वाली थी। नौशेरा सेक्टर में बारूदी सुरंग का पता लगाने पर गठित की गई बम निरोधक दस्ते की अगुवाई मेजर त्रितेश बिष्ट कर रहे थे। एक बारूदी सुरंग तो निष्क्रिय कर दी पर दूसरी सुरंग में विस्फोट होने से मेजर बिष्ट गंभीर जख्मी होकर शहीद हो गए।
शहीदी का पता चलते ही, देहरादून की नेहरू कॉलोनी में रिश्तेदार और लोग उनके घर पहुंच गए। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट और पार्टी विधायक विनोद चमोली और उमेश शर्मा काऊ भी मेजर के घर पहुंचे। परिवार से जुडे़ एक सूत्र ने बताया कि बिष्ट की शादी तय हो गई थी और वह 28 फरवरी को घर लौटने वाले थे। वह सात मार्च को शादी के बंधन में बंधने वाले थे। मेजर बिष्ट के पिता सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी और मां गृहिणी हैं। उनका परिवार अल्मोड़ा जिले के रानीखेत का रहने वाला था।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ट्वीट कर जताया शोक
मेजर त्रितेश बिष्ट के निधन पर शोक व्यक्त करते मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने ट्वीट किया कि मैं मेजर बिष्ट द्वारा देश की सेवा में दिए गए सर्वोच्च बलिदान को सलाम करता हूं और शहीद के परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। दुख की इस घड़ी में पूरा देश उनके साथ खड़ा है।
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने भी दु:ख जताया
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
विश्व पर्यावरण दिवस की थीम ‘बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन’ के तहत सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक और शिक्षण संस्थाओं सहित पूरे विश्व में प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने के लिए लोगों को जागरूक किया गया। क्योंकि यह सभी जानते हैं कि अगर समय रहते प्रदूषण न रोका गया तो हम अपना भविष्य गंवा बैठेंगे। इस लिए सिर्फ संस्थान स्तर पर या सरकार के स्तर पर ही कोशिश नहीं होनी चाहिए, बल्कि प्रति व्यक्ति यह प्रण करे कि न मैं प्रदूषण फैलाउंगा और दूसरों को भी स्वच्छता के लिए जागरूक करूंगा, तब जाकर हमारा भविष्य बच पाएगा। Read More
पटियाला, पंजाब: यूथ ऑफ उत्तराखंड संस्था ने चेयरमैन विनोद रावत और प्रधान मनोहर सिंह बिष्ट की अगुवाई में दिनांक रविवार 16 जुलाई 2017 को प्रथम पौधरोपण मुहिम चलाई। महासचिव आकाश ठाकुर और दीपक बिष्ट, कोषाध्यक्ष भूपेश बिष्ट ने मुहिम को आगे बढ़ाया। कार्यक्रम के मुख्य मेहमान ग्लोबल ह्यूमन सर्विस ऑर्गेनाइजेशन के प्रधान कर्नल बिशन दास जी ने पौधा लगाकर मुहिम की शुरुआत की। उनके साथ आशीष आहूजा और श्रेय मेहता विशेष तौर पर पहुंचे। इस मौके पर उपप्रधान महिंद्र रावत, उप कैशियर प्रदीप रावत, मीडिया प्रभारी प्रमोद रावत, अरुण ठाकुर, मनीष रावत, हरदीप कठैत, आनंद नेगी, सूरज बिष्ट, रविंदर बिष्ट, प्रेम मनराल, जगदीश नेगी और अन्य मौजूद रहे।
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