चंपावत में हुआ था भगवान विष्णु का कछुआ अवतार। यही स्थान चंद वंश की राजधानी था। राजा अर्जुन देव की बेटी चंपावती के नाम रखा गया। रोमांचकारी ट्रैकिंग के लिए यहां बहुत सी जगह उपलब्ध हैं। चंपावत से 14 किलोमीटर दूर लोहाघाट बहुत मशहूर है। आइए जानें चंपावत के अन्य आकर्षणों के बारे में…
समुद्र तल से 1615 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चंपावत सैरगाह के तौर पर जगत प्रसिद्ध है। यहां के मंदिर, प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों के लिए आकर्षण हैं। 1997 बने इस जिले की सरहद अल्मोड़ा, ऊधम सिंह नगर, नेपाल, नैनीताल और अन्य इलाकों के साथ लगती है। चंद वंश की राजधानी रहे इस स्थान का नाम राजा अर्जुन देव की बेटी चंपावती के नाम रखा गया। मान्यता है कि भगवान विष्णु का कछुआ अवतार इसी जगह हुआ। चंपावत के आसपास पाताल रुद्रेश्वर, आदित्य मंदिर, पूर्णागिरी मंदिर, बालेश्वर मंदिर, क्रांतेश्वर महादेव मंदिर, ग्वाल देवता, पूर्णागिरी मंदिर, चौमू मंदिर और अन्य आकर्षण स्थान देखने लायक हैं। चंपावत से केवल 14 किलोमीटर दूर लोहाघाट शहर भी काफी मशहूर है। पी बैरन ने इसे दूसरा कश्मीर का नाम दिया।
45 किलोमीटर दूर देवीधुरा में स्थित है बाराही मंदिर
हर साल रक्षाबंधन के अवसर पर आयोजित किए जाने वाले बंगावल त्योहार के लिए जाना जाता देवीधुरा का बाराही मंदिर चंपावत से 45 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां भी लोग बड़ी श्रद्धा से आते हैं। अगर लोहाघाट में खरीदारी का मन करे तो इसके लिए खादी बाजार अच्छा विकल्प है। मायावती आश्रम समुद्र तल से 1940 मीटर की ऊंचाई पर है। ट्रैकिंग रूट चंपावत को वानासुर, पंचेश्वर, कंटेश्वर, टनकपुर, लोहाघाट, व्यसथुरा, पूर्णागिरी के साथ जोड़ते हैं।
कुमाऊं क्षेत्र के प्राचीन वास्तुशिल्प का बेहतरीन नमूना है नागनाथ मंदिर
चंपावत का नागनाथ मंदिर कुमाऊं क्षेत्र के प्राचीन वास्तुशिल्प का सबसे बेहतरीन और आकर्षक नमूना है। इसी तरह एक हथिया का नौला स्थ्ल के पत्थरों पर की गई नक्काशी भी देखने योग्य है। लोगों को मानना है कि इसका निर्माण सिर्फ एक ही रात में कर दिया गया था।
बाणासुर का किला भी देखने लायक
यहां प्राचीन बानासुर का किला है, इसमें भगवान श्री कृष्ण ने बानासुर राक्षस का वद किया था। मध्यलकाल में हुए इस किले को देखने बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। चंपावत में ट्रैकिंग भी की जा सकती है।
चंपावत कैसे जाएं
पर्यटक पिथौरागढ़ के नौनी सैनी एयरपोर्ट और पंतनगर एयरपोर्ट से टैक्सी बुक करके चंपावत पहुंच सकते हैं। यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है।, आसपास के कई शहरों से चंपावत के लिए बसें भी मिलती हैं।
किस मौसम में जाएं
चंपावत घूमने के लिए पर्यटक सर्दी और गर्मी दोनों में जा सकते हैं।