उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का ज़िक्र रामायण और महाभारत में भी आता है। यहां के कई मंदिर 2000 साल पुराने भी हैं। देहरादून का यह नाम देहरा + दून से पड़ा है। देहरा का मतलब शिविर और दून का मतलब तल वाली भूमि। जाने की पहाड़ों के नीचे वाली भूमि। आइए जानते हैं देहरादून की अन्य खासियतों के बारे में…
शिवालिक पर्वतमाला की तलहटी में बसा देहरादून समुद्र तल से 2100 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसके एक और पूर्व दिशा में गंगा नदी और दूसरी और पश्चिम दिशा में यमुना नदी बहती है जो देहरादून आने वाले पर्यटकों को काफी आकर्षित करती हैं। देहरादून का संबंध सिखों के गुरु श्री राम राय जी के साथ ही जुड़ा है। देहरादून को हरिद्वार, औली, ऋषिकेश, मसूरी, नैनीताल और कुछ अन्य जगहों का प्रवेशद्वार भी कहा जा सकता है। इसके अलावा, यह उत्तराखंड के अन्य सुंदर स्थलों जैसे मसूरी, नैनीताल, हरिद्वार, औली और ऋषिकेश में से कुछ के लिए प्रवेश द्वार है। देहरादून में वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालय भूविज्ञान, वन अनुसंधान संस्थान, भारतीय सैन्य अकादमी, दून पब्लिक स्कूल भी स्थित हैं। देहरादून से 11 किलोमीटर दूर करीब 9 मीटर गहरा सहस्त्रधारा झरना भी देखने लायक है। इस इलाके में बने प्राचीन मंदिर भी देखने लायक हैं। 2000 एकड़ में फैला वन अनुसंधान संस्थान कौलागढ़ रोड पर स्थित है। इसके अलावा, राजाजी राष्ट्रीय उद्यान, मालसी डियर पार्क, लक्ष्मण सिद्ध मंदिर, टपकेश्वर महादेव मंदिर, संतला देवी मंदिरराजपुर रोड, पलटन बाजार और एशले हॉल देहरादून में प्रमुख शॉपिंग स्थल हैं। देहरादून में साहसिक खेल, पर्यटन, पैराग्लाइडिंग, स्कीइंग और ट्रैकिंग भी की जा सकती। यहां की दून घाटी भी काफी मशहूर है। मल्सी डियर पार्क, फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट, माइंड रोलिंग मोनेस्ट्री, रॉबर्स केव, लच्छीवाला और अन्य पर्यटक स्थल भी देखने लायक हैं।
देहरादून किस मौसम में जाएं
जनवरी का महीना बहुत ठंडा होने की वजह से यात्री इस महीने को छोड़कर और बाकी किसी भी समय में देहरादून पर्यटन के लिए आ सकते हैं। देहरादून गर्मियों में काफी गर्म रहता है। सर्दियों में यहां कभी-कभी बर्फबारी हो जाती है जो काफी सुखद एहसास करवाती है। लेकिन अगर आपका इम्यूनिटी सिस्टम बहुत ज्यादा तगड़ा है जो सर्दी झेल सकता हो, वही जनवरी महीने की बर्फबारी देखने यहां आ सकता है।
देहरादून कैसे जाएं
सड़क मार्ग से देहरादून देश के सभी राज्यों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इसी तरह रेल मार्ग से यहां पहुंचा जा सकता है। इसी तरह शहर से 20 किलोमीटर दूर जॉली ग्रांट हवाई अड्डा हवाई मार्ग का भरपूर विकल्प देता है। यानी कि सड़क रेल और हवाई मार्ग से यहां डायरेक्ट पहुंचा जा सकता है।