उत्तराखंड के कुमाऊं संभाग में स्थित रामगढ़ समुद्र से करीब 1900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। रामगढ़ आधा शिखर आधा ढलान पर बसा हुआ खूबसूरत हिल स्टेशन है। फलों के बागों की वजह से भी यह जगह काफी मशहूर है, तभी तो इसे फलों का कटोरा के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानें रामगढ़ की अन्य खासियतों के बारे में…
नैनीताल जिले में बसे रामगढ़ की खूबसूरती पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। खुमानी, नाशपाती, आड़ू, नाशपाती, सेब और अन्य बाग यहां खूबसूरती और सेहत को बढ़ाते हैं। यहां बर्फीली हिमालय की चोटियां देखने का मजा ही कुछ और है। ज्ञान का खजाना यहां का पुस्तकालय लेखिका महादेवी वर्मा को समर्पित है। यहां नारायण स्वामी, रवींद्र नाथ टैगोर और अन्य हस्तियों ने अपने आश्रम स्थापित किए। इस इलाके में कोसी नदी में फिशिंग और किनारों पर कैंपेनिंग, राप्पेल्लिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, मांउनटेन बाइकिंग का पूर्ण आनंद लिया जा सकता है।
इसके अलावा यहां गिरिजा देवी मंदिर, श्री नारायण स्वामी आश्रम, श्री अरबिंदो आश्रम, कुमाऊं मंडल विकास निगम रेस्ट हाउस के अलावा अन्य आकर्षक जगहों का भी अवलोकन किया जा सकता है। रामगढ़ से 25 किलोमीटर दूर मुक्तेश्वर भी जरूर जाएं, क्योंकि इस जगह भगवान शिव को समर्पित 350 साल से भी पूराने मंदिर मौजूद हैं। यहां काफल के पेड़ बहुतायत में हैं। काफल एक तरह का फल होता है जो खाने में बड़ा रसीला और स्वादिष्ट होता है, हालांकि आकर में यह बहुत छोटा होता है। नाथुंखन की हरियाली और शांति लोकप्रिय है। यहां बने बॉब पैलेसे में पर्यटकों के ठहरने की व्यवस्था है। नाथुंखन 12 छोटी बस्तियों में बराबर विभाजित है। इनके नाम में हैं गांव नवादा, मल्लातंडा, तल्लातंडा, टपुक, बगीचा, लामाखन, काफलधारी, कानाला, बूंगा, झेप्रों और बनोला व एक अन्य बस्ती है।
कैसे जाएं
-नौकुचियाताल और नैनीताल से बसों की सेवाएं उपलब्ध हैं।
-काठगोदाम रेलवे स्टेशन रामगढ़ जाने के लिए सबसे नजदीक पड़ता है।
-रामगढ़ जाने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पंत नंगर है। यहां से निजी तौर पर टैक्सी बुकिंग की सेवा उपलब्ध है।
किस समय जाएं
रामगढ़ जाने का सबसे अच्छा समय गर्मियों और मानसून है। इस दौरान दौरान यहां मौसम बहुत अच्छा रहता है।