मन करता नेता बन जाऊँ,
नेता बन कुर्सी पर छाऊँ,
मार कुण्डली कुर्सी पर,
सपने अपने सच कर जाऊँ।
वोट मांगने घर-घर जाऊँ,
सौ-सौ वादे कर मैं आऊँ,
वोट के बदले नोट जो दूं तो,
ग्रांट से भरपाई उसकी कर जाऊँ।
अपनों को हर ठेके दिलवाऊँ,
तिजोरी घर की मैं भर जाऊँ,
जनता के हक की आढ़ में,
माल सरकारी चट कर जाऊँ
मन करता नेता बन जाऊँ
सपने अपने सच कर जाऊ।
नोटः ऐसे भ्रष्ट नेताओं से बचें।
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