देवभूमि उत्तराखंड की पहाड़ियों के बीच बसे हरिद्वार का उल्लेख कई हिंदू महाकाव्य में मिलता है। शहर का इतिहास राजा विक्रमादित्य के समय से मौजूद है। इस जगह को परमात्मा तक पहुंचने का रास्ता माना जाता है। यह शहर भारत के सात पवित्र शहरों यानी कि सप्तपुरी में से एक है। आइए जाने हरिद्वार के अन्य आकर्षणों के बारे में…
इस शहर को अन्य कई नामों से भी जाना जाता है जैसे मायापुरी, कपिला, मोक्षद्वार एवं गंगाद्वार आदि। यह तीर्थ स्थल हिंदुओं की परंपराओं के साथ बहुत ही गहराई से जुड़ा है हिंदुओं के जन्म से लेकर मृत्यु तक के अनुष्ठान यहीं आकर संपन्न होते हैं। हरिद्वार आध्यात्मिक तौर पर तो महत्वपूर्ण है ही, साथ ही यहां पर्यटन के लिए भी बहुत बड़े स्तर पर पर्यटक आते हैं। हरिद्वार में ऐसे बहुत से पर्यटन स्थल है जो दुनिया भर में मशहूर हैं। पवित्र गंगा नदी इस तीर्थ स्थल की आत्मा है। गंगा नदी की वजह से ही पूरा भारत समृद्ध है। आइए जानते हैं कि कौन कौन से तीर्थ स्थल इस पवित्र धार्मिक नगरी हरिद्वार में हैं, जहां पर्यटक घूमने के साथ साथ आध्यात्म का भी लुत्फ उठा सकते हैं।
हरिद्वार में हर-की-पौड़ी (ब्रह्मकुंड) ऐसी जगह है जहां से गंगा का पहाड़ों को छोड़ मैदान में प्रवेश होता है। यहां हर 12 साल बाद कुंभ मेला लगता है जिसमें पूरे विश्व से भक्त शामिल होते हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार जब राजा दक्ष ने भगवान शिव का अपमान किया देवी सती ने अपने जीवन का बलिदान दे दिया। देवी सती की मौत से भगवान शिव बहुत दुखी हुई है और उन्होंने देवी के शरीर को कैलाश पर्वत पर ले जाने का निश्चय किया। ऐसा करते समय देवी के शरीर के हिस्से अलग अलग स्थानों पर गिरे। ऐसा माना जाता है कि माया देवी का मंदिर उस स्थान पर स्थित है जहां देवी की नाभि एवं ह्रदय गिरा। इसी तरह वैष्णों देवी मंदिर, भारत माता मंदिर, एवं पिरान कलिएर कुछ अन्य धार्मिक स्थल हैं।
भारत माता मंदिर का निर्माण गुरु स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी ने करवाया। 8 मंजिलों का यह मंदिर देवी देवताओं और स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित है। सप्त ऋषी आश्रम वाले स्थान पर महान साधुओं, अत्री, कश्यप, जमदग्नी, भारद्वाज, वशिष्ठ, विश्वामित्र, एवं गौतम ऋषी ने साधना की थी।
इसके अलावा नील धारा पक्षी विहार, मोती बाज़ार,सकते हैं। कण्व ऋषी आश्रम, कामराज- काली मंदिर, वैष्णों देवी मंदिर, चिल्ला वन्यजीव अभ्यारण्य, दक्ष महादेव मंदिर, विष्णु घाट, दुधाधारी बर्फ़ानी मंदिर, कनखल के हरिहर आश्रम, श्रवणनाथ जी का मंदिर, भारत माता मंदिर, माँ आनंदमयी का आश्रम, उड़न खटोला, गौ घाट, भीमगोड़ा टैंक, मनसा देवी मंदिर, कुशावर्त घाट आदि स्थलों का भ्रमण किया जा सकता है।
रेल हवाई और बस से पहुंच सकते हैं हरिद्वार
हरिद्वार रेल मार्ग, वायुमार्ग या फिर रास्ते द्वारा पहुंचा जा सकता है। हरिद्वार से और रेलवे स्टेशन और बस अड्डा हरिद्वार में ही क्षेत्र हैं इन दोनों जगह से हर की पौड़ी थोड़ी दूरी पर है। 20 किलोमीटर दूरी पर जॉली ग्रांट यहां का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है।
किस मौसम में आएं हरिद्वार
हरिद्वार हरिद्वार में पर्यटन के लिए मानसून के समय में आना अच्छा समय नहीं है। सितंबर से लेकर जून के बीच मौसम सुहावना होता है इसलिए पर्यटक इन दिनों में पर्यटन का आनंद ले सकते हैं।
बहुत सुंदर मैसेज।