धारचूला कई मठों, नदियों और चोटियों के लिए मशहरू है। एक बार यहां पहुंच गए तो घर जाने का मन नहीं होता। यहां सुंदरता मोहित करने वाली है। परिवार के साथ यहां की वादियों और नदियों के नजारे आप कभी नहीं भुला पाएंगे। धारचूला की पहाड़ियों में दो देशों की सीमा देख सकते हैं। कर सकते हैं। आओ जानें धारचूला की अन्य खासियत…
उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में भारत-नेपाल की सीम पर बसा है मनोरम शहर धारचूला। चोटी और चुल्ले के नाम पर इसका यह नाम पड़ा है। धार का मतलब चोटी और चूला का मतलब चुल्हा होता है। धारचूला आने वाले पर्यटकों के लिए ओम पर्वत, आदि कैलाश, भारत- नेपाल सीमा, भारत- चीन सीमा और नारायण आश्रम देखने का भरपूर मौका होता है। पिथोरागढ़ शहर से 90 किलोमीटर दूर स्थति धारचूला खूबसूरत पहाड़ियों से घिरा है। इसके पश्चिम में स्थित बर्फीली पहाड़ी जिस नाम पश्चिमचुली है, पर्यटकों के लिए आकर्षण है। धारचूला में मानस झील, चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में स्थित है। इस झील का हिंदू और बौद्ध धर्म में काफी महत्व है। मान्यता है कि इस झील के पानी से मनुष्य के पाप धुल जाते हैं। धारणा यह भी है यहां मोक्ष मिलता है। बौद्ध धर्म के अनुसार इस पौराणिक झील पर भगवान बुद्ध ने ध्यान लगाया था। तभी इस तट पर कुछ मठ भी बने हुए हैं। इनमें से एक चिउ गोंपा मठ, एक पहाड़ी पर स्थिति है। यह झील ब्रह्मपुत्र, करनाली, सिंधु और सतलुज का स्रोत है। इसके अलावा रक्षास्थल झील को भी देखा जा सकता है, जो मानस झील के पश्चिम में स्थित है। काली नदी में राफ्टिंग का आनंद लिया जा सकता है। काली नदी का पानी ग्रेटर हिमालय के कालापानी में चला जाता है। इसी नदी पर बना चिरकला बांध एक आकर्षक सैर-सपाटे वाली जगह है।
धारचूला कैसे जाएं
-से धारचूला के लिए सरकारी बसें नियमित तौर पर चलती हैं।
-धारचूला का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर है, यहां से सरकारी बसों की सुविधा और निजी सुविधा भी उपलब्ध है।
-धारचूला का सबसे नजदीक हवाई अड्डा पंतनगर है, जो नई दिल्ली के इंदिरागांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के साथ नियमित तौर पर जुड़ा है। यहां धारचूल के लिए निजी टैक्सी बुकिंग की सुविधा उपलब्ध है।
धारचूला किस मौसम में जाएं
धारचूला में पर्यटन के लि एजाने वाले पर्यटक सर्दियों में आ सकते हैं, इस दौरान यहां की खूबसूरती देखने लायक होती है।