कुमाऊं क्षेत्र की रानी पद्मिनी जब इस क्षेत्र में आई तो उन्हें यह क्षेत्र बहुत भाया। इस पर राजा सुखहरदेव ने यहां महल बनवाया और इसका नाम रख दिया रानीखेत। ब्रिटिश कुमाऊं रेजीमेंट का मुख्यालय भी इसी जगह बना। चारों ओर बर्फ से ढकी पहाड़ियां अद्भुत आकर्षण पैदा करती हैं। आइए जानें यहां की अन्य खासियत के बारे में…
समुद्र तल से 1869 मीटर ऊंचाई पर कुमाऊं की पहाड़ियों में रानीखेत बसा हुआ है। ब्रिटिश ने इसकी खोज करके इसे अपना गर्मियों का निवास बनाया। ब्रिटिश कुमाऊं रेजीमेंट का मुख्यालय भी इसी जगह बना। स्थानीय लोगों में यह कहानी प्रचलित है कि कुमाऊं क्षेत्र की रानी पद्मिनी जब इस क्षेत्र में आई तो उन्हें यह क्षेत्र बहुत भाया। इस पर राजा सुखहरदेव ने यहां महल बनवाया और इसका नाम रख दिया रानीखेत। यह जगह अपने हरे भरे घास के मैदानों और जंगलों के लिए प्रसिद्ध है। इस समय रानीखेत कुमाऊं रेजीमेंट का मुख्यालय है। इसके चारों ओर बर्फ से ढकी पहाड़ियां अद्भुत आकर्षण पैदा करती हैं। यह जगह नैनीताल से मात्र 60 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां की जैविक विविधता मन को हर्षित करती है। इस जगह मंदिरों के दर्शन के अलावा ट्रैकिंग का भी मजा लिया जा सकता है।
बिनसर महादेव मंदिर शिव जी को समर्पित है जो रानीखेत से 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। सर महादेव में लगे देवदार के पेड़ और यहां का प्राकृतिक झरना आकर्षित करते हैं। इसी तरह मां दुर्गा को समर्पित आठवीं शताब्दी में बना झूला देवी मंदिर के दर्शन रोमांचित करते हैं। यह दोनों मंदिर रानीखेत के कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर संग्रहालय और स्मारक भी खास है। इसके अलावा मझखली की सोन्या पहाड़ियां, गोल्फ कोर्स, कृत्रिम रानी झील, सदर बाजार, रानीखेत से 54 किलोमीटर दूर राम गंगा के किनारे स्थित चौखुटिया, द्वारहाट, भालू बांध, ताड़ीखेत, कुमाऊं रेजीमेंट गोल्फ कोर्स, छावनी आशियाना पार्क, सनसेट प्वाइंट, खूंट, सीताखेत, जौरासी, खैराना,कटरामल सूर्य मंदिर भी मन को आनंदित करते हैं।
रानीखेत किस मौसम में जाएं
रानीखेत में पूरे वर्ष मध्यम जलवायु रहता है। पर्यटकों के लिए यहां गर्मियों में घूमना सबसे बेहतर समय है। मॉनसून में भी यहां के खुशनुमा मौसम के दीदार किए जा सकते हैं।
रानीखेत कैसे जाएं
नैनीताल, अल्मोड़ा और बरेली से रानीखेत के लिए बस सुविधा उपलब्ध है। नई दिल्ली से रानीखेत के लिये टूरिस्ट एवं सरकारी बसें नियमित रूप से मिलती हैं।
रानीखेत के लिए 80 किलोमीटर दूर सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के लिए नियमित ट्रेंनें जाती हैं।
रानीखेत से 119 किलोमीटर दूर पंतनगर हवाई अड्डा यहां का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है। पंतनगर हवाई अड्डे के पास घरेलू उड़ानें रानीखेत से 119 किमी की दूरी पर स्थित है। इंटरनेशनल एयरबेस के रूप में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा रानीखेत से 350 किमी की दूरी पर स्थित है।