अलकनंदा और भागीरथी का संगम स्थल देवप्रयाग

उत्तराखंड राज्य में जिला टिहरी गढ़वाल में स्थित है अलकनंदा और भागीरथी नदी का संगम स्थल, जोकि देवप्रयाग के नाम से विश्वभर में प्रसिद्ध है। ये शहर हिंदू संत देव शर्मा के नाम पर है। इस स्थान को अन्य कई नामों से भी जाना जाता है। यहां लोग खींचे चले आते हैं। आइए जाने देवप्रयाग की अन्य खासियत के बारे में…

संस्कृत में इसे पवित्र नदी का दर्जा दिया गया है, जबकि 7वीं सदी में इस स्थान को देवप्रयाग ब्रह्मपुरी, ब्रह्म तीर्थ और श्रीखंड नगर जैसे नामों से जाना जाता रहा है। किंवदंती के अनुसार भगवान राम और उनके पिता, राजा दशरथ ने इस जगह पर घोर तपस्या की। ऐसा भी कहा गया है कि पांडवों ने श्री बद्रीनाथ जाने से पहले यहां प्रक्षालन किया था। ये स्थान प्राचीन मंदिरों के लिए भी मशहूर है। इन प्राचीन मंदिरों में रघुनाथ मंदिर, चंद्रबदनी मंदिर, दशरथशिला मंिदर शामिल हैं।देवप्रयाग जाने के लिए क्या करें: इस स्थान के लिए राजमार्ग, रेल मार्ग और हवाई मार्ग सेवा का उपयोग किया जा सकता है। जॉली ग्रांट, देहरादून हवाई अड्डा, देवप्रयाग के सबसे नजदीक है। यहां से नई दिल्ली के लिए नियमित सुविधा है। देवप्रयाग से 94 किलोमीटर दूर हरिद्वार रेलवे स्टेशन, देवप्रयाग का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है, जो कि लखनऊ, मुंबई, नई दिल्ली, देहरादून से लिंक है।

देवप्रयाग का मौसम: देवप्रयाग का सब्ट्रापिकल वातावरण होने के कारण, यहाँ सर्दियों के मौसम में बहुत ठण्ड होती है। जबकि गर्मियों में यहाँ का वातावरण बहुत मधुर और सुहावना बना रहता है। सैलानी साल के किसी भी मौसम में देवप्रयाग के दर्शन करने जा सकते हैं।

2 Responses on “अलकनंदा और भागीरथी का संगम स्थल देवप्रयाग”

Arun thakur says:

very nice

gemini says:

thanks arun ji