https://www.youtube.com/watch?v=31GT9FTrvAc पटियाला। गढ़वाल सभा पटियाला की ओर से विरक काॅलोनी स्थित सभा भवन के श्रीदेव सुमन सभागार में निरोगी जीवन...
https://youtu.be/CzaLZgc0J9k दिल्ली में हो रहे G20 समिट के वेन्यू भारत मंडपम के रिसेप्शन के पास एक प्रदर्शनी लगाई गई है।...
https://www.youtube.com/watch?v=nA5zrZgvBSA भारत में हो रही G20 समिट पर पूरी दूनिया की निगाहें हैं, जो कि देश के लिए गौरव का...
https://youtu.be/HT8Vrd2Y_hk चंद्रयान तीन की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कामयाब लैंडिंग के 10वें दिन इसरो ने शनिवार को आदित्य एल...
https://youtu.be/CKnm0_UXdlE पटियाला| एकता नगर वेलफेयर क्लब एवं छठ पूजा समिति ने स्वतंत्रता दिवस मनाया। छठ पार्क में कार्यक्रम की शुरुआत...
संस्कृति के संवाहक हिलॉंस की डिजिटल उड़ान… नमस्कार, सबसे पहले हम आपको ये बताना चाहते हैं कि आखिर हिलॉंस है क्या ? हिलॉंस उत्तराखंड की डांड्यूं (ऊंचे पर्वतों के घने जंगलों) में रहने वाला एक दुर्लभ पक्षी है। ये पक्षी जब डांड्यूं में बांग देता है तो इसकी मधुर आवाज मंत्रमुग्ध कर देती है। उत्तराखंड की संस्कृति में हिलॉंस का अहम स्थान है। कई उत्तराखंडी गीतों में भी इसका जिक्र आता है। इसी लिए हमने अपनी वेबसाइट के लिए हिलॉंस का ही नाम चुना। इस नाम से अनायास ही उत्तराखंड की यादें जहन में हिलोरें लेने लगती हैं। सभी को उत्तराखंड याद आ जाता है। तो आप तक उत्तराखंड की मिट्टी की खुशबू पहुंचाने के लिए www.hillans.com वेबसाइट को अस्तित्व में लाया गया है।
उत्तराखंड की सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक गतिविधियां आप तक पहुंचाने का प्रयास। उत्तराखंडी सभाओं और सांस्कृतिक कला मंचों के कार्यक्रमों से आपको अवगत कराते हैं। आप भी देवभूमि के साथ जुड़ना चाहते हैं तो जरूर सहयोग करें। जय देव भूमि
किसी भी राज्य य देश की आत्मा उसकी संस्कृति होती है। संस्कृति से ही सकारात्मक जीवन जीया जा सकता है। संस्कृति जीवन का आधार है। संस्कृति ही किसी इलाके की जीवन शैली की सूचक है, इसी से किसी इलाके या कम्युनिटी के खान-पान, पहरावे और रहन-सहन का पता चलता है। इतिहास, खान-पान, रहन-सहन आदि संस्कृति कहलाती हैं।
आगे पढ़ें »उत्तराखंड में पर्यटन स्थलों की कोई कमी नहीं। एक बार उत्तराखंड पहुंच गए तो समझो स्वर्ग मिल गया। यहां की हसीन वादियां, झरझर बहते झरने, कलकल करती नदियां आंखों का शीतल कर देती हैं और मन को पूरी तरह मोह लेती हैं। देवभूमि उत्तराखंड में सिर्फ पर्यटन नहीं बल्कि आध्यात्मिक पर्यटन को ज्यादा महत्व दिया जाता है।
आगे पढ़ें »उत्तराखंड के पकवान अब दूर देशों में भी पसंद किए जाने लगे हैं। देश-विदेशों में उत्तराखंडी रेस्टोरेंट चलने लगे हैं। यहां के शुद्ध पकवान न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि यह शरीर की पौष्टिकता को बरकरार भी रखते हैं और इस कारण व्यक्ति कई तरह की बीमारियों से शरीर को बचा सकता है। उत्तराखंडी व्यंजनों में आपको स्वाद के साथ-साथ सेहत से भरपूर खजाना मिलेगा।
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